कोरोना कॉल में चुनावी रैलियों का क्या है विकल्प पूरी दुनिया में ऐसे समय में भी क्यों हो रहा है चुनाव प्रचार
लोकतंत्र में चुनाव जरूरी है और चुनाव प्रचार के लिए रैली लेकिन कोरोना का हाल में रैलियों का विकल्प क्या है और पूरी दुनिया में करोना कार में चुनाव प्रचार कैसे हो रहा है
कोरोनावायरस संकट
देश और दुनिया में कोरोनावायरस इन दो मित्रों के केस जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना यूएई दौरा रद्द कर दिया लेकिन देश में हो रहे चुनावी रैलियों पर कोई रोक नहीं दिखाई जा रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि चुनाव प्रचार का सिर्फ एक ही तरीका है बड़ी बड़ी रैलियां बड़ी-बड़ी भिन्न कोरोना का हाल में सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है बच्चों की पढ़ाई से लेकर हमारे अपने ऑफिस का काम तक तो फिर नेता जी की रैली ऑनलाइन क्यों नहीं हो सकती आज हम आपके लिए विदेशों का उदाहरण लेकर आए हैं जो बताएंगे कि करो ना कॉल में चुनाव कैसे हैं
दुनिया में कैसे हुए चुनाव
कोरोना का हाल में पूरी दुनिया में चुनाव हुए अमेरिका से लेकर सिंगापुर तक चुनाव हुए भारत अकेला देश नहीं है जहां जनवरी 2020 सैनी कोरोनावायरस से चुनाव हुए दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र अमेरिका हो या सबसे छोटा लोकतंत्र सिंगापुर कई जगह चुनाव हुए और कोरोनावायरस के बीच प्रचार अभियान भी हुए
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से क्या हुआ था
दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका का उदाहरण सबसे ताजा है यहां साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव हुए तब अमेरिका ने कोविड-19 तिथि खराब थी इन चुनावों में एक तरफ तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारी भीड़ के साथ रैली कर रहे थे वही उनके मुकाबले में खड़े जो गार्डन छोटी-छोटी रैली कर रहे थे फोन और सोशल मीडिया पर कैंपिंग का सहारा ले रहे थे नतीजे सामने आए तो करो ना फोटो काल की तरह प्रचार करने वाली टीम बायर्न के पक्ष में रही
कोविड प्रोटोकाल मे चुनाव
दुनिया में ऐसे बहुत से देश है जहां कोविड-19 की तरह चुनाव में सिंगापुर क्रोएशिया मलेशिया अमेरिका गार्डन
इन देशों में चुनाव प्रचार पर कई तरह के नियंत्रण लगाएं जॉर्डन ने तो नवंबर 2020 में बड़ी बड़ी रैलियों पर रोक लगा दी जाडन में रैलियों में 20 लोगों की संख्या निर्धारित थी लेकिन ऐसे में विदेश में जिन्हें कोरोनावायरस चुनाव करवाएं और किसी भी तरह की पाबंदी का पालन नहीं करवाया ऐसे देशों में कोरोनावायरस से फैला चुनाव के बाद कोरोनावायरस विस्फोट हुआ
पोलैंड में दूसरे चरण में 1 मतदान में करो ना बाबू कॉल को ताक पर रखा गया और उसके बाद देश में कोरोना के इस बढ़ने लगे मलेशिया में अक्टूबर 2020 में चुनाव हुए जिसके बाद केस बड़े तो चुनावी रैलियों को जिम्मेदार माना गया ब्राजील में भी नवंबर 2020 में चुनाव हुए तो 20 उम्मीदवारों की कोरोनावायरस हो गई यानी यह तो साफ है कि अगर पर सेंड करो ना काम में चुनाव प्रचार हुए तो फिर केस बढ़ेंगे इसलिए पार्टियों को जल्द से जल्द बड़ी बड़ी रैली करनी बंद होगी तो फिर तरीका क्या है तरीका वर्चुअल लाइव रैली जिसके लिए बीजेपी तैयार भी है वर्चुअल रैली के लिए बीजेपी के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बयान में कहा वर्चुअल रैली के लिए बीजेपी तैयार है हमारे बंगाल के चुनाव में भी वर्चुअल रैली की थी कोविड-19 राम जब दुनिया में सभी राजनीतिक पार्टियां हाइबरनेशन में थी उस समय बीजेपी कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफार्म पर काम कर रहे थे
एमसी डायरेक्टर अपने नए साल के संदेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने देश भर में कोरोनावायरस के वह माइक्रोन वैरीअंट के बढ़ते मामले के 20 लोगों को घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की सलाह दी है यह द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में डॉक्टर गुलेरिया ने कहा है कि मैं इस मौके पर देश के सभी लोगों की खुशी बेहद हेल्थ और समृद्ध 2022 की कामना करता हूं उन्होंने कहा कि जैसे हम आगे बढ़ते हैं हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि करो ना मैं मारी अभी खत्म नहीं हुई है हालांकि अच्छे से यह बात फिलहाल हम बेहतर स्थिति में है डॉक्टर गुलेरिया ने कहा हमारे पास बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें टीका लगा लिया है देश में करोड़ों के मामले बढ़ते जा रहे हैं इसलिए हमें यह समझना होगा कि माफ करना बहुत जरूरी है उन्हें ने कहा कि फिलहाल कोरोनावायरस ने का एकमात्र और कारगर तरीका है शारीरिक दूरी बनाना कोरोनावायरस ऊपर स्प्रेड है इसलिए भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहे को भी प्रोटोकॉल का पालन करें
देश में होगी ओमीक्रॉन केस 781 मामले
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में बुधवार तक 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 781 ओमी क्रोन के मामले दर्ज किए गए हैं नए वेरिएंट का सबसे ज्यादा मामला दिल्ली में पाया जा रहा है यहां अमीक्लोन के सबसे अधिक 283 मामले दर्ज किए जा चुके हैं इसके बाद महाराष्ट्र में 167 लोग इस वैरीअंट का शिकार हो चुके हैं गुजरात में 73 केंद्र में 65 तेलंगाना में बॉक्साइट राजस्थान में 46 कर्नाटक में 34 तमिलनाडु में उम्मीद लोन की वैरीअंट के 34 मामले दर्ज किए जा चुके हैं
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