दौरते समय साँस कैसे लेनी चाहिए | How to take breath while runing in hindi | Runing tips in hindi
![]() |
How to take breath while runing |
हर ब्यक्ति जब रनिंग करता है तब उसमे बहुत सी परेशानिया आती है जिसमे से एक है रनिंग करते हुए साँस कैसे ले क्योकि बॉडी तो और दौरान के लिए तैयार है लेकिन साँस फूलने लगती है सिने में ऐसा लगता है की कही फट न जाए ऐसा होने का कारण है सही से साँस न लेना इस कारण से रनिंग को रोकना पढ़ता है देखिये रनिंग करना एक कला है उसको आप बार बार प्रक्टिस करके सिख सकते है अगर प्रक्टिस नहीं करेगे तो आप कभी नहीं सीखेगे आप जितना ज्यादा प्रक्टिस करेगे उतनी ज्यादा अच्छी आपकी रनिंग हो जाएगी तो साँस लेना भी इस कला का एक पार्ट है इसको आप प्रक्टिस करके सिख सकते है हर ब्यक्ति के दौरने का तरीका अलग होता है इसे सिखने में टाइम भी लग सकता है अगर आप जल्दी सीखना चाहते है तो प्रक्टिस के साथ दौर की टेक्निक और दौर का पालन करना होगा हम दो तरीको से साँस लेते है सामान्य साँस तकनीक और गहरी साँस तकनीक.
सामान्य साँस तकनीक
तो पहले हम बात करते है हम सामान्य साँस तकनीक के बारे में सामान्य रूप से जब हम साँस लेते है तो हम अपने फेफड़ो यानि लंस के उपरी हिस्से का इस्तेमाल करते है और हमारी शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाता है जिससे शरीर की सभी क्रियाए अराम से काम कर पाती है जब की हमारे फेफड़े की क्षमता 6 लीटर ऑक्सीजन को स्टोर करने की होती है जबकि हम नार्मल साँस लेने में ऑक्सीजन आधा लिटर ही साँस लेते है और आधा लीटर कार्बन डाई आक्सइड को छोडते है मतलब की जितना लिया है उतना ही बार निकाल दिया इसके कारण संतुलन बना रहता है जब हम दौरने के लिए जाते है तो जल्दी जल्दी साँस लेना शुर कर देते है जब मुह से ज्यादा ऑक्सीजन खीच लेते है और कार्बन डाई आक्सइड को बाहर सही से नहीं छोड़ते तो क्या होता है फेफड़ो में जरूरत से ज्यादा हवा भर जाती है जिससे बैलेंस ख़राब हो जाता है और फिर नयी ऑक्सीजन फेफड़ो में कम आती है और फेफड़ो की मांसपेशियों पर जोर पढ़ता है और फेफड़े तुरंत थक जाते है और साथ ही साथ बॉडी में बिना ऑक्सीजन के लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे बॉडी थक जाती है और थक कर रुकना पढ़ता है इसलिए जरुरी हो जाता है की साँस को सही से छोड़े, रनिंग करते समय साँस को पूरी तरह बाहर निकलना जरुरी होता है
गहरी साँस तकनीक
अब हम बात करते है गहरी साँस तकनीक के बारे में जब हम सामान्य साँस तकनीक लेते है तो हमारी चेस्ट फूलती है लेकिन जब हम गहरी साँस तकनीक लेते है तो हमारा पेट फूलना चहिए और गहरी साँस में हम एक लम्बी साँस को अन्दर खीचते है और धीरे धीरे बाहर छोड़ते है जैसा की योग के दौरान किया जाता है इस प्रक्टिस से हवा पेट तक आती है क्योकि फेफड़े की लम्बाई हमारे पेट से जुड़े डायेफ्रान तक होती है जब हम गहरी साँस लेते है तो डायेफ्रान फैलता है जिसके कारण पेट फूलता है
0 टिप्पणियाँ