आयकर विभाग ने इस सत्यापन के लिए 68000 मामले उठाएं
नई दिल्ली आयकर विभाग ने वार्षिक रिटर्न में आए की रिपोर्टिंग नहीं करने या कम दिखाने के लिए यह सत्यापन के लिए 68000 मामले उठाए हैं या एक ऐसा कदम है जो कर्ताओं को निर्धारित 3 साल की अवधि के भीतर अपनी वार्षिक फाइलिंग को संशोधित करने में मदद करने के लिए है एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा
सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन ने कहा पूरी वाक्य मंत्रालय को अंकित करने के लिए है जो मौजूद हो सकते हैं और कर्ताओं ने उनके रिटर्न को अपडेट करने और मुक्केबाजी को कम करने में मदद करते हैं गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा उन्होंने कहा है कि अब तक 15 लाख अपडेट रिटर्न दाखिल किए गए हैं जिनमें से 1250 करोड रुपए कर के रूप में एकत्र हुए हैं यह सत्यापन के लिए उठाए गए मामलों में से लेनदेन और दाखिल रिटर्न पर वार्षिक सुशांत विवरण एआईएस में लेटेस्ट ईमेल खाने वाला एक अभ्यास लगभग 56 परसेंट या 35000 मामलों में संतोषजनक ढंग से हल किया गया है सितंबर से कर विभाग एक जोखिम प्रणाली के जरिए पायलट अभियान चला रहा है
जो कुछ मापदंडों के आधार पर मामलों को उठाता है गुप्ता ने कहा कि केवल उच्च मूल्य वाले मामलों को लिया गया है और जोखिम प्रबंधन प्रणाली को सालाना संशोधित किया जा सकता है लेकिन उन्होंने मापदंड का खुलासा करने से इंकार कर दिया चुनौतियों में से एक यह है कि कई कारण दाताओं ने विभाग के संचार का जवाब नहीं दिया है जिसका जवाब देना है 10 दिनों मे ई सत्यापन के तहत किसी विशेष मामले को पूरा करने के लिए सीबीडीटी के पास 90 दिन की समय होती है लेकिन जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है
करदाताओं के पास 31 मार्च 2023 तक का समय है ताकि वह 2019-20 वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल कर सके करदाताओं को अपने एआईएस को नियमित रूप से देखने के लिए प्रेरित करते हुए गुप्ता ने कहा कि करदाताओं को विभाग को प्रतिक्रिया देनी चाहिए यदि वे को ईमेल देखते हैं आयकर विभाग ने वृद्धि पर 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न में आए कम दिखाने के 68000 मामले ही सत्यापित के लिए चुने हैं अब तक लगभग 35000 मामले में ही सत्यापन पूरा कर लिया गया है और बाकी के मामलों पर कार्यवाही जारी है वर्ष 2021 में सरकार ने स्वैच्छिक अनुपालन की सुविधा के लिए सत्यापन योजना को अधिसूचित किया था
आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न में आय कम दिखाने के 68000 मामले ही सत्यापन के लिए चुने
देश में स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने और पारदर्शी और हस्तक्षेप कर प्रशासन को सक्षम करने के लिए आयकर विभाग ने ही सत्यापन योजना की शुरुआत की है आयकर विभाग ने सत्यापन योजना 2021 में शुरुआत की थी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से 68000 मामले से संबंधित वित्तीय लेनदेन की जानकारी को पायलट आधार पर ही सत्यापन के लिए चुना गया था इसमें 35000 मामले में टेक्स्ट पियर पहले से ही संतोषजनक उत्तर दे चुके हैं या फिर अपडेट आईटीआर फाइल कर दिया है।
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