ब्रिटेन में अब सब कुछ करना काल से पहले जैसा हो जाएगा क्योंकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है और वर्क फ्रॉम होम का नियम तो तत्काल प्रभाव से वहां पर हटाया जा चुका है सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को मास्क लगाने से मुक्ति दे दी गई है या स्कूल में भी स्कूल में जो छात्र पढ़ने जा रहे हैं उन्हें भी की आवश्यकता नहीं और ब्रिटेन के सभी नागरिकों को यह कह दिया गया है कि 27 जनवरी से किसी को भी क्लब इंदौर जगहों पर जाने की आवश्यकता नहीं है यानी किसी भी इंदौर जा रहे हैं
सार्वजनिक जगह पर तो आवास की आवश्यकता नहीं हैभीड़ भाड़ वाली किसी भी जगह पर वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाने का नियम भी वहां से अब पूरी तरह हटा दिया जाए क्योंकि वह 60 परसेंट से ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवा ली है जिसे ब्रिटेन की सरकार को रक्षा के लिए पर्याप्त मानते हुए लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों से अब मुक्त कर रही है तुझे के ब्रिटेन में 60% जो लोग हैं वह तो पोस्टर भी लगवा चुके दो वैक्सीनेशन के बाद अवसर भी लगवा चुके हैं और अब उन्हें लगता है कि वह पूरी तरह सुरक्षित है कि ब्रिटेन में अगले हफ्ते से सब कुछ वैसा ही हो जाएगा जैसा करो ना कॉल से पहले था
ब्रिटेन सरकार के फैसले पर कुछ लोगों को हैरानी भी हुई है क्योंकि वहां आज भी प्रतिदिन कोविड-19 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और ऐसी स्थिति में लोगों को मनमानी की छूट देने से हालात और भी बिगड़ सकते हैं लेकिन यह तो ब्रिटेन और दूसरे पश्चिमी देशों की पुरानी आदत है क्या करना है यह वही तय करते हैं और फिर पूरी दुनिया करती है दुनिया के बाकी देशों ने की शुरुआत से यही हो रहा है पश्चिम के देशों ने सबसे पहले तय किया कि लगाना है तो फिर दूसरे देशों से कोई फायदा नहीं हो रहा है इसके बाद पीछा छुड़ा लिया घोषित कर दिया है पूर्णा महामारी का अंत घोषित कर दिया है कहा कि आपको रोना समाप्त तो यूरोप के दूसरे देश भी अब यह माहौल बना रहे हैं कि अगले कुछ दिनों में वहां से भी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे विदेश से आने वालों को अब यूरोप के कई देशों में कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाने के नियम से भी छुटकारा मिल चुका है
पश्चिम के देशों ने ही क्वॉरेंटाइन का समय पहले 14 दिन तय किया था डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर और सभी देशों ने उसके बाद उसे अपने आप में ही कैंटीन का समय 14 दिन से हटाकर 5 दिन कर दिया गया और इसे भी सभी देशों ने नियम समझ कर अब अपना लिया है और अगर आप भी वैसा ही है वह भी पश्चिमी देशों के इशारों पर चलता है वह भी मामले में कुछ कहता है और कभी कुछ कहता है और 2 दिन कुछ ना करता है और 2 दिन के बाद उसी से मुकर जाता है आने वालों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था
अफ्रीका से आने वालों आने वालों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था कई देशों की हवाई यात्रा पर मनमाने तरीके से प्रतिबंध लगे पश्चिम के देशों ने तब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं होगा तो भी प्रतिबंध लगा दिया कि इन सारे देशों से साउथ अफ्रीका से हमारे यहां कोई नहीं आएगा क्योंकि यूरोप के कई देशों में पहुंच गया था लेकिन पश्चिम के देशों ने सारे नियम कायदे तो यही शक्तिशाली देशों में परेशानी होती है लेकिन इनके यहां अपने ही देश में कोई मिलता है तभी अपने अलग बना कर रखे हैं जिसमें दिवाली की खरीदारी करने वाली भीड़ बताते हैं आपने देखा होगा जब भीड़ थी हुई थी
पिछले साल के सारे मीडिया ने और पश्चिमी देशों ने कहा यह तो कोई परेशानी नहीं होती लेकिन यूरोप की फुटबॉल लीग के मैच में एक ही स्टेडियम में हजारों की भीड़ से इन देशों को कोई परेशानी नहीं होती सब कुछ अपनी सहूलियत से तय करने वाले देशों ने अब यह तय किया है कि कोरोनावायरस की कोई आवश्यकता नहीं है और हमें इस बात का डर है कि चाहे यह फैसला कितना ही गलत हूं
लेकिन बाकी की दुनिया भी अब इस फैसले को फॉलो करेगी और अगर एक नई शुरुआत की है तो आज नहीं तो कल यह सारे नियम भारत में भी आ जाएंगे या नहीं हो सकता है एक दिन आपको भी आपके पास से वर्क फ्रॉम होम से और सोशल डिस्टेंसिंग के सारे प्रतिबंधों से नियमों से मुक्ति मिल जाए
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