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कोरोना की तीसरी लहर कब और कैसे आई | WHO के अनुसार कोविड-19 दुनिया में आने वाले दिनों में भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अनुमान




इस साल नए साल की पार्टी में जाने के बारे में सोच रहे हैं अगर आपका जवाब हां है तो इस साल पार्टी में आपको कोविड-19 और ओमीक्रॉन मिलेगा इसलिए अब आप को यह तय करना है कि आप नए साल की शुरुआत कोविड-19 करना चाहते हैं या सुख और शांति के साथ करना चाहते हैं और यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले 24 घंटों में भारत और पूरी दुनिया में कोविड-19 बलों में जबरदस्त उछाल आया है अब बड़ा सवाल ये है कि क्या हम तीसरी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं और 2 साल बाद भी दुनिया के पास लॉकडाउन के अलावा आज भी कोविड-19 इलाज नहीं है आज हम आपको कोविड-19 चुनौती के लिए बिल्कुल पूरी तरह से तैयार करेंगे पिछले 2 सालों में आप बहुत थक चुके होंगे उनका इंतजार तो अपनी बारी का इंतजार के बाद अब लगाओ यह पता चल रहा है उसके बाद भी नहीं है और इसी तरह पूरी दुनिया इंतजार में ढूंढ लेंगे और अब आपको नए साल में क्या सोच लेकर नए साल में प्रवेश करना चाहिए तस्वीरें दिखाते हैं जिंदगी भर याद रखेंगे नियम तोड़ने पर इन लोगों को बचाने वाली पूरे शहर में उन्हें इस तरह से उनका जुलूस निकाला जाए उनका भी यही हाल हो चीन को रोकने के लिए कई बड़े बड़े पैमाने पर विदेशी यात्राओं पर लगी रोक नहीं पाया पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक रूप से रोका जा सकता हैश्री लहर की शुरुआत दिसंबर के आखिरी हफ्ते से होगी यदि किसी हफ्ते से क्योंकि यही दिसंबर का आखिरी हफ्ता है इस हिसाब से आप कह सकते हैं यह लहर शुरू हो चुकी है और नए मामले 34 दिन बाद 10 हजार के पार चले गए हालांकि स्टडी ग्रुप में यह भी कहा कि ज्यादा लंबी नहीं होगी यह जनवरी के अंत तक या फिर फरवरी के पहले हफ्ते में समाप्त हो जाएगी इसी तरह आईआईटी कानपुर का अनुमान है कि भारत में तीसरी लहर की जो पिक है वह फरवरी के पहले हफ्ते में आएगी और इस दौरान अधिकतम 1 से 2 लाख  नए मामले आ सकते हैं हालांकि कानपुर का अनुमान भी है कि भारत में एक से डेढ़ महीने तक चली थी आपको याद होगा इसके अलावा और दोनों मिलकर दुनिया में नए मामलों की एक नई ला सकते हैं

WHO के अनुसार कोविड-19 दुनिया में आने वाले दिनों में भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अनुमान सही भी हो सकते हैं क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में भी ऐसा ही हुआ था दुनिया में उम्मीद लोन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को मिला था इसके बाद वह 12 दिसंबर से हर दिन 30000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित होने लगे लेकिन अब वहां पर सिर्फ लगभग 4000 मामले ही मिल रहे हैं इससे यह पता चलता है कि उनके लिए खतरनाक है लेकिन यह लंबे समय तक नहीं रहेगी दूसरी बात अब तक जिन भी देशों में उनके मामले मिले हैं वहां तो जरूर है लेकिन यह वायरस मरीजों के लिए बहुत ज्यादा घातक साबित नहीं हुआ अकेले दक्षिण अफ्रीका में ही 1000 मरीजों में से केवल 58 को ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो याद रखना होगा 1000 में से 58 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा बाकी सब लोग घर में ही ठीक हो गए शुरुआत में मरीजों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती होना पड़ता था लेकिन 30% हो गया हैसमय 30% मामलों में मरीजों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती होना पड़ता था लेकिन वह माइक्रोन में यह आंकड़ा 30% से घटकर सिर्फ 13% हो गया है और इसे आपको और उदाहरणों से समझ सकते हैं अमेरिका में 14 दिसंबर को 116000 नए मामले मिले थे लेकिन 29 दिसंबर को आने वालों की संख्या बढ़कर 488000 हो गई लेकिन नोट करने वाली बात है कि जिस तरह कोरोनावायरस से मौत हो रही हैं वह घट गई है लोग मर नहीं रहे हर 300 लोगों में लगभग 4 लोगों की मौत हो रही थी और अब प्रत्येक 300 लोगों में केवल एक व्यक्ति की मौत हो रही है और अब प्रत्येक तीन सौ लोगों में केवल एक व्यक्ति की मौत हो रही है इससे यह पता चलता है कि कौन कोरोनावायरस तेजी से फैलने वाला वेरिएंट तो है लेकिन आपके शरीर के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है यह आपकी जान नहीं लेगा और ना ही आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ेगी ज्यादातर मामलों में ब्रिटेन की स्थिति से भी समझ सकते हैं वहां भी पिछले 15 दिनों में कोरोना के प्रति दिन मामले 4 गुना तक बढ़ गए हैं लेकिन मरने वालों की संख्या आधी रह गई है जब 7000 के सारे थे तब डेढ़ सौ लोगों की हर दिन मौत हो रही थी और अब जब दो लाख से ज्यादा के सारे यार अब हर दिन मौत का आंकड़ा 68 है इससे स्पष्ट है कि इस नई लहर में केस तो सुनामी की तरह आएंगे लेकिन इस सुनामी की लहरें आपके लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होंगी

ओमिक्रोन वेरिएंट की दो बातें सबसे ज्यादा चिंताजनक है एक तो यह कि है वेरिएंट कई गुना ज्यादा रफ्तार से फैलता है इसके पहले की जो रफ्तार है वह बहुत तेज है और जब मामले अचानक से बढ़ते हैं तो लोगों में अफरा-तफरी और डर की स्थिति पैदा हो जाती है जिससे सरकार है आर्थिक पाबंदियां लागू करने के बारे में मजबूर हो जाती है सोचने लगती हैं इसीलिए आपने देखा होगा कि जब दुनिया भर की सरकार होती है जैसे ही मामले बढ़ते हैं वह सबसे पहले लोग लगाना शुरु करते हैं सब चीजों को बंद करना शुरू करते हैं

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