क्यों टाटा नैनो फेल हो गयी, टाटा नैनो क्यों हुई बंद | Why Tata Nano failed, why Tata Nano shut down
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Why Tata Nano failed |
याद है आपको साल 2008 का वह समय जब टाटा नैनो पहली बार लंच हुआ था तो आखिर क्यों फेल हो गया टाटा नैनो , टाटा नैनो वह पहली कार थी जो एक लाख में लांच हुई थी ताकि हर मिडिल क्लास के घर में अपनी उनकी खुद कई कार हो पर लोगो ने समय के साथ साथ इस कार को रिजेक्ट क्यों कर दिया अच्छी डील होते हुए भी देखो ऐसे तो मल्टीपल कारण है लेकिन सबसे जरुरी कारण सुनो इस गाडी को सबसे बढ़ा टैग मिला था World’s Most Cheapest Car. हर एक शब्द हमारे दिमाग में एक अलग भाव को बताता है अगर मै कहू BMW Car तो आपके दिमाग में एक भाव आ जायेगा जो ये कार कम्पनी वाले बनाते है और सबको सुनकर एक कूल फिल होता है अगर मै कहू पिज़्ज़ा तो आपके दिमाग में एक ऐसा भाव होता है जो आपको बताता है कई पिज्जा कैसे दिखता है और कितना स्वादिष्ट होता है आपको वह टेस्ट को बताता है तो आपको हर एक शब्द के साथ आपके दिमाग में के भाव उत्पन्न होता है इसी तरह टाटा नैनो को इसी मार्किट वर्ड में गलत हो गया टाटा नैनो को मिलना चाहिए था World’s Most Affordabale Car का लेकिन मिल गया World’s Most Cheapest Car का और चीप शब्द तो चीप ही रहेगा ना और साल 2018-19 में जब टाटा नैनो बनाना बंद हो गया तब इसकी कीमत जब उस टाइम चल रही थी 2,59,000 रूपये जो की आल्टो जैसे गाडी के करीब की कीमत थी ये कोई खास डील नहीं लग रहा था लोगो को क्योकि टाटा कम्पनी इतने सस्ते कीमत पर बेच नहीं पा रही थी और इतने कम कीमत को जारी नहीं रख पा रही थी और 2,50,000 से 3,00,000 के बीच और कम्पनी ने अपनी गाड़ी को लाकर रख दी थी तो जो सपना रतन टाटा जी ने देखा था की 65,000 की बाइक को छोड़कर लोग कार ले लेगे क्योकि कार अपने कीमत को ही नहीं बराबर रख पाई और साल 2018-19 आते आते बाइक से 4 गुना कीमत नैनो के लिए देना पड़ रहा था यह ऐसा डील था जो लोगो के मन में एक्स्सामेंटनहीं बना पा रहा था सच यह है की इण्डिया में लोग कार खुद के सन्तुट से ज्यादा लोगो लेते है अपनी सोशल स्टैंडिंग को दिखाने के लिए है मेरे पास कार है तुम हारे पास क्या है और जो पहला बात थी cheapest कार वाला तो उस बात से साफ नज़र आ रहा है कई टाटा नैनो लेकर कोई भी इन्सान अपना सोशल स्टैंडिंग दिखा नहीं पा रहा है जो नैनो ले रहे थे उसे देखकर हसने लग रहे थे इसके पास तो नैनो है और ऐसी क्या मज़बूरी थी नैनो ले ली तो लोग कुछ ऐसी बाते कर रहे थे सच में इसलिए नैनो के कहानी से वोर्डिंग का महत्व देखने को मिलता है World’s Most Cheapest Car की जगह World’s Most Affordabale Car का टैग मिलता तो इसका इमेज इतना ख़राब नहीं होता लोगो के मन में अफोर्डेबलसुनने में ठीक लगता है हा तुम हरे पास अफोर्डेबल कार है लेकिन चीप सुनने में लगता है की है ये तुम्हारे पास चिप गाड़ी है इसलिए लाइफ में कुछ भी प्लान करते समय और स्टूडेंट को एग्जाम में लिखते समय वोर्डिंग पर बहुत ध्यान देना चाहिए
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