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भारतीय लड़के ने क्यों की Queen Elizabeth II की हत्या की कोशिश

आपको ब्रिटेन में रहने वाले 19 साल के एक भारतीय लड़के से मिल जाएंगे जिसमें ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की हत्या करने की कोशिश की यह बहुत सनसनीखेज मामला है यह लड़का एक भारतीय सिख है और उसका कहना है कि वह वर्ष 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला ब्रिटेन की महारानी की हत्या करके लेना चाहता है कि भारत के लोगों ने तो आजादी मिलने के बाद ही अंग्रेजों को हमेशा के लिए माफ कर दिया था और शायद आजादी के बाद पहली बार इस तरह का कोई मामला सामने आ रहा है जब कोई भारतीय यह कह रहा है कि उसने अंग्रेजों को माफ नहीं किया और वो अपनी गुलामी का और इस तरह के जो हादसे हुए उस जमाने में उनका बदला लेना चाहता है हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि बदला लेना सही है इस लड़के ने जो कहा है वह सही है लेकिन बड़ी बात यह है हमारे ऊपर जितने भी अत्याचार किए आजादी के बाद ही भूल चुके हैं



 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर गिरफ्तार किया गया हुआ था और उसे में लगे सीसीटीवी फुटेज में अंदर प्रवेश करते हुए देखा गया था जब इस पूरे मामले की जांच हुई तो पता चला कि पता चला कि यह लड़का ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की हत्या करने के इरादे से उनके महल में घुसा था यह कोई एलिजाबेथ की हत्या करना चाहता था जांच एजेंसियों को इस लड़के का एक वीडियो मिला जिसमें वह बता रहा है कि उसने यह सब जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए किया है 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को गोलियों से भून दिया था हत्या करके उसका बदला लेना चाहता था अगर आप इस हत्याकांड को भूल चुके हैं तो आपको याद दिला देते हैं जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था 

उस समय जलियांवाला बाग में लोग संता सेनानी सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी और रौलट एक्ट के विरोध में इकट्ठा हुए थे रोलेट एक्ट भारत के ब्रिटिश सरकार द्वारा किसी भी राष्ट्रीय आंदोलन को खत्म करने के लिए बनाए गए कानून था शाम के 4:30 बजे जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के जलियांवाला बाग में मौजूद करीब 25 से 30,000 लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग का आदेश दे दिया और 10 मिनट तक बिना रुके फायरिंग होती रही इस दौरान सैनिकों ने करीब 1650 राउंड गोलियां चलाई और इस हत्याकांड में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हो गई और 36000 से ज्यादा लोग घायल हुए हालांकि ब्रिटिश सरकार ने तब यह कहा था कि इस घटना में 379 लोग मारे गए थे और 1200 से ज्यादा घायल हुए थे लाल के बाद लोगों के मन में जबरदस्त रोष था वह सा था

 लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उस वक्त कांग्रेस के कुछ नेता और महात्मा गांधी ने खुद यह कहा कि उन्होंने इस हत्याकांड के लिए जनरल डायर को माफ कर दिया है 25 अगस्त 1920 को 1 वर्ष के बाद इस नरसंहार पर महात्मा गांधी ने अपने बयान में कहा कि अपराध होगा कि मैं निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले जनरल डायर का सहयोग करूं लेकिन अगर वह बीमार है उनकी सेवा करना प्रेम का कार्य होगा और हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए महात्मा गांधी ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद जनरल डायर गंभीर रूप से बीमार हो गया और वर्ष 1927 में और दूसरी गंभीर बीमारियों की वजह से उसकी मौत हो गई थी महात्मा गांधी के कहने पर ही कांग्रेस इंक्वायरी कमेटी ने जनरल डायर के खिलाफ मुकदमा करने की मांग को वापस ले लिया था

 महात्मा गांधी ने जनरल डायर की मृत्यु के 11 साल बाद 1 नवंबर 1938 को किया था और उन्होंने कहा था कि जनरल डायर के प्रति उनके मन में कोई नफरत नहीं है हालांकि जब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता और महात्मा गांधी जनरल डायर को माफ कर चुके थे तभी शहीद उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 की शाम को लंदन में जाकर माइकल ओ डायर की हत्या करके जलियांवाला बाग का बदला लिया था इस हत्याकांड के दौरान पंजाब का गवर्नर था और उसने ही जनता के लिए समर्थन भी किया था लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आज देश और वाला बाग हत्याकांड दोनों को ही शायद भूल चुका है पर ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश ने अंग्रेजों को उसी दिन माफ कर दिया था जब 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी भारतीयों के बारे में कहा जाता है 

कि वह बड़े नरम दिल होते हैं और उनकी याददाश्त भी बड़ी कमजोर होती है ज्यादा दिन तक उन्हें कुछ याद नहीं रहता इसलिए हमने यह सब भुला दिया और आजादी के बाद ही हम ने अंग्रेजों को उनके तमाम अत्याचारों के लिए माफ कर दिया था लेकिन क्या यह माफी सही थी बड़ा सवाल आज भी है

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