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Explained: Noida International Airport at Jewar

भारत के अंदर भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जिस की आधारशिला 25 नवंबर 2021 को रखा गया था आधारशिला का मतलब होता है कि यह कार्य अब यहां से शुरू होगा यह एयरपोर्ट नोएडा में बनाया जा रहा है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर नामक स्थान पर बनाया जा रहा है यह एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेसवे के पास में बनाया जा रहा है यह दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र में बनाया जा रहा है यह दिल्ली एनसीआर में बनाया जा रहा है  लेकिन या यूपी के हिस्से में आता है लेकिन यह दिल्ली के नजदीक होने के कारण दिल्ली एनसीआर में गिना जाता है इस एयरपोर्ट की दूरी दिल्ली से 72 किलोमीटर है इस की दिल्ली से दूरी कम होने के कारण भविष्य में दिल्ली एयरपोर्ट बिजी होने पर इसकी जरूरत पड़ सकती है जिससे क्षेत्र का विकास की संभावनाएं बढ़ सकती हैं या भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है तथा दुनिया का सबसे बड़ा चौथा एयरपोर्ट होगा इसको बनने में लगभग 30 हजार करोड़ का खर्च आने वाला है इसका नाम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है इसकी आधारशिला 25 नवंबर 2021 को रखी गई थी इसका पहला चरण सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है 4 साल के अंदर पहला जो चरण है उसे पूरा कर दिया जाए
पहले चरण में 30 हजार करोड़ की लागत से दो रनवे का निर्माण किया जाएगा दूसरे चरण में 5 रनवे में और एक मेंटेनेंस भवन का निर्माण किया जाएगा




जेवर एयरपोर्ट की खास बात


जेवर एयरपोर्ट पर 2 रन में तैयार होंगे इनके नाम नॉर्थ रनवे और साउथ रनवे होंगे नॉर्थ रनवे पर ही वीवीआइपी टर्मिनल होगा इस रनवे रनवे से वीवीआइपी विमान उड़ान भरेंगे दोनों रनवे की करीब कुल 186 विमान को पार्क कर सकते हैं इस एयरपोर्ट पर रनवे की लंबाई 4 किलोमीटर से भी ज्यादा है

जेवर एयरपोर्ट के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में दूसरा विकल्प भी होगा इसमें रेलवे स्टेशन शामिल हैं जहां से आप मेट्रो या हाई स्पीड ट्रेन में सफर कर सकेंगे

दो रनवे का एयरपोर्ट 7 करोड़ सालाना पैसेंजर की छमता का होगा जेवर एयरपोर्ट पर करीब 30000 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है

इस एयरपोर्ट का विकास कौन कर रहा है


इस एयरपोर्ट का विकास एक स्विजरलैंड की कंपनी स्विच है जिसका नाम है ज्यूरिक इंटरनेशनल नाम की कंपनी से इसका निर्माण कराया जा रहा है 

यह एयरपोर्ट नेट जीरो के रूप में विकसित किया जा रहा है यानी किया जितना कार्बन डाइऑक्साइड निकालेगा उतना ग्रहण भी कर लेगा इसको इस प्रकार विकसित किया जा रहा है यह लगभग 5000 हेक्टेयर जमीन पर बनकर तैयार होगा या एयरपोर्ट पूरे 30 साल में बनकर तैयार होगा

यह 4 फेज में बनकर तैयार होगा

पहले फेज में 1334 हेक्टेयर जमीन पर सितंबर 2024 तक काम होगा दूसरे फेज में 1365 हेक्टेयर जमीन पर 2032 तक काम होगा तथा फेज 3 में 1318 हेक्टेयर जमीन पर 2037 तक काम होगा तथा फेज 4 मैं 735 हेक्टेयर जमीन पर 2050 तक कार्य होगा

फेज 1 के बनते ही अंतरराष्ट्रीय उड़ान चालू हो जाएंगे 




अब उत्तर प्रदेश में 5 अंतरष्ट्रीय एयरपोर्ट हो गए हैं


अमौसी एयरपोर्ट लखनऊ, बाबतपुर एयरपोर्ट वाराणसी, जेवर एयरपोर्ट नोएडा, श्री राम एयरपोर्ट अयोध्या, कुशीनगर एयरपोर्ट है

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